गुरुवार, 28 मई 2009

सूरज - दो शब्द चित्र

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सूरज
धूप की तपिश
सह नहीं पाया
देखो-
ढूंढ़ रहा है
किसी पेड़ की छाया









सूरज
ख़ुद की गर्मी
सह नहीं पाया
साँझ ढलते ही
सागर की
आगोश में समाया

6 टिप्‍पणियां:

संगीता पुरी ने कहा…

वाह !! बढिया कहा !!

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बढ़िया,.

M Verma ने कहा…

प्रेरक टिप्पणियो के लिये धन्यवाद

बेनामी ने कहा…

good

vandana gupta ने कहा…

aapka andaz-e-bayan kabil-e-tarif hai.

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

वाह....!!

बहुत खूब.....बहुत बढ़िया....!!