माँ एक शब्द नहीं
एहसास है
एक अटूट रिश्ता;
एक विश्वास है
कभी देखना गौर से
बच्चे के लिये
स्वेटर बुनते हुए उसे
ऊन को जब वह
तीलियो से उलझाती है
अपने मन की अनगिनत गांठ
खोलती है; सुलझाती है
लोरियां गाती है
सारी रात नहीं सोती है
पर बच्चे की पलकों पर
सपन बोती है
कितना बेफिक्र होता है बच्चा
जब माँ आसपास है
माँ एक शब्द नहीं ---
बच्चा जब संत्रास में होता है
अधबने मकान सा
माँ ढह जाती है
बच्चे के आंसुओं संग
खुद ही बह जाती है
ममतामयी माँ तो
अमलतास है
माँ एक शब्द नहीं
एहसास है
एक अटूट रिश्ता;
एक विश्वास है
चित्र : गुगल सर्च (साभार)
8 टिप्पणियां:
माँ को नमन
मातृ-दिवस की बहुत-बहुत बधाई!
ममतामयी माँ को प्रणाम!
maa to amaltaas hai....
Lekin...
Kaash koi samjhaye- 'pita' kya hai?
माँ एक कभी न क्षीण होने वाला नाम है, वर्मा जी बहुत खूबसूरत शब्दों में माँ की महिमा कही आपने...बहुत अच्छा लगा..मातृ दिवस की बधाई
बहुत ही बढ़िया तुलना की है
बहुत ही सुन्दर कविता है,मातृ दिवस की शुभकामना, हर माँ को मेरा नमन!
मातृ-दिवस की बहुत-बहुत बधाई!
माँ एक शब्द नहीं
एहसास है
एक अटूट रिश्ता;
एक विश्वास है
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