निरावेशन की शून्यता मुझे मंजूर नहीं है ....
वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में मेरी व्यंग्य रचना 'पीना और जीना' पढने के लिये क्लिक करें
पीना और जीना
पढ़ ली सर , बहुत अच्छी है , चूँकि उस प्रतियोगिता पर मैंने सुरु से कोई भी टिपण्णी नहीं लिखी इसलिए इस बार भी नहीं लिखी !
पढ़ लिए हैं सर पहले ही.
सूचना के लिए आभार!
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3 टिप्पणियां:
पढ़ ली सर , बहुत अच्छी है , चूँकि उस प्रतियोगिता पर मैंने सुरु से कोई भी टिपण्णी नहीं लिखी इसलिए इस बार भी नहीं लिखी !
पढ़ लिए हैं सर पहले ही.
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