सोमवार, 7 जून 2010

निकालेंगे यहीं से एक नहर ~~

रूठे बादलों

तुम्हारा रूठना सबक दे गया

बेशक तूँ हमारे दुख-दर्द

न हर

तय कर लिया है हमने

निकालेंगे यहीं से एक

नहर

image

………………………………

जैसे ही बादलों ने

धरा को

मेंह दी

उसे लगा

साजन आने वाले हैं

वह रचने लगी

मेंहदी

image

21 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बादल को इंगित कर सुन्दर रचनाकारी!

Shah Nawaz ने कहा…

बादल और सजनी का तो गहरा रिश्ता है, बहुत अच्छा लिखा है. बहुत खूब!

shikha varshney ने कहा…

बढ़िया तुलना दी है ..खूबसूरत रचना.

AMAN ने कहा…

सुन्दर क्षणिकाएँ

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

मेह दी और मेह दीं का खूबसूरत प्रयोग...बहुत दिनों बाद लिखा ये शब्दों का चमत्कार

honesty project democracy ने कहा…

सुन्दर रचना और भावना का सही मेल ...

Razia ने कहा…

बहुत खूबसूरत और शब्दो का चमत्कार युक्त रचना

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

एक बार फिर शब्दों का बेहतरीन खेल..वर्मा जी माहिर है आप ग़ज़ब की प्रस्तुति..सुंदर रचना और सुंदर भाव..बधाई स्वीकारें

बेनामी ने कहा…

बहुत खूब.

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

आपने निःशब्द कर दिया....

संगीता पुरी ने कहा…

वाह .. बढिया !!

वाणी गीत ने कहा…

बादलों ने धरा को मेह दी और वह रचने लगी मेहंदी ...
बहुत भीनी सी प्यारी सी कविता ...!!

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

सुंदर रचना।
--------
करे कोई, भरे कोई?
हाजिर है एकदम हलवा पहेली।

Archana Chaoji ने कहा…

बहुत से ब्लोग देखे,
पर लगा कहीं,
न मन,
आपके ब्लोग की,
इस रचना के लिए,
मन करता है,आपको
नमन !

Jyoti ने कहा…

बादलों ने धरा को मेंह दी उसे लगा साजन आने वाले हैं वह रचने लगी मेंहदी...

खूबसूरत रचना.....

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

नहर और मेहंदी का अच्छा समावेश, हाँ मगर जब तक युपीए वाले नहीं चाहेंगे, आप नहर नहीं निकाल सकते !

Mumukshh Ki Rachanain ने कहा…

शब्दों के सटीक प्रयोग,
दोनों क्षणिकाएं बेहद लाजवाब.

हार्दिक बधाइयाँ...........

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर

निर्मला कपिला ने कहा…

बादलों को देख कर खूब कवितायें लिख रहे हैं बधाई इस सुन्दर रचना के लिये

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत खूबसूरत ....

शरद कोकास ने कहा…

सच है बादलो को देख कितने ख्याल उमड़ते है हमारे मन मे !!

vedvyathit ने कहा…

mendi bairn hns rhi dekh jeth ka tap
ye kya shitl kregi grmi ka sntap
achchha pryog
dr. ved vyathit