तब जबकि
तुम्हारे काँपते हाथों पर
मैनें
अनायास
रख दिया था हाथ;
और फिर
क्षण भर के लिये
प्रकम्पित हो गया था
सम्पूर्ण कायनात,
परिलक्षित हुआ
चिर संचित
सम्पूर्ण चेतना का
अवचेतित स्वरूप
अवशोषित हो गया था
जब पलांश में
सूर्य रश्मि;
वह प्रखर धूप.
तुम चली गयी थी
अनबोले जब
सबकुछ कहकर
वह पावन छवि
नज़र चुराते चितवन की
मधु प्रमत्त मधुकर सा
मंजर वह मदहोश
अब तक संचित वह क्षण
कहाँ मुझे है होश !!
29 टिप्पणियां:
मधु प्रमत्त मधुकर सा
मंजर वह मदहोश
अब तक संचित वह क्षण
कहाँ मुझे है होश !
बहुत सुन्दर और कोमल भाव ..अच्छी प्रस्तुति
sunder prastuti...
बहुत सुन्दर और कोमल भाव|
तुम्हारे काँपते हाथों पर मैनें अनायास रख दिया था हाथ; और फिर क्षण भर के लिये प्रकम्पित हो गया था सम्पूर्ण कायनात...waah , bahut hi swabhawik chitran
सुन्दर कोमल अनुभूतियां। बधाई।
वह पावन छवि
नज़र चुराते चितवन की
मधु प्रमत्त मधुकर सा
मंजर वह मदहोश
अब तक संचित वह क्षण
कहाँ मुझे है होश !!
वाह्…………बेहद कोमल भावों की कोमल अनुभूति………सुन्दर प्रस्तुति।
bhut bhut sunder prstuti...
बहुत खूब ... किसी का स्पर्श ... पल भर का साथ सब कुछ बदल देता है ...
बहुत कोमल अहसास..बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति..
तब जबकि
तुम्हारे काँपते हाथों पर
मैनें
अनायास
रख दिया था हाथ;
और फिर
क्षण भर के लिये
प्रकम्पित हो गया था
...bahut sundar jeete ahsas...
वाह अनुभूति का वह कालजयी क्षण !
सुन्दर!
bahut hi sundar.
कोमल अहसासों की बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति..
आपके पोस्ट पर आना सार्थक सिद्ध हुआ । पोस्ट रोचक लगा । मेरे नए पोस्ट पर आपका आमंत्रण है । धन्यवाद ।
आपके पोस्ट पर आना सार्थक सिद्ध हुआ । पोस्ट रोचक लगा । मेरे नए पोस्ट पर आपका आमंत्रण है । धन्यवाद ।
क्षण का संचय !अपनी लघुता से निकल कितना असीम बन जाता है छोटा-सा क्षण !
बहुत ही प्रभावशाली प्रस्तुति
bahut sundar madhur ehsaas se paripoorn rachna.bahut achcha laga aapke blog par aana.
सुंदर रचना,बढ़िया प्रस्तुति,...
--जिन्दगीं--
behtareen abhivyakti:)
बहुत सुंदर।
अब तक संचित वह क्षण...
बहुत सुन्दर
वाह बहुत सुन्दर...
बहुत कोमल भाव की सुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन पोस्ट....
new post...वाह रे मंहगाई...
तुम्हारे काँपते हाथों पर मैनें अनायास रख दिया था हाथ; और फिर क्षण भर के लिये प्रकम्पित हो गया था सम्पूर्ण कायनात.bahut sundar prastuti
बेहतरीन सुन्दर एवं कोमल भाव की अभिव्यक्ति...
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भावनाओं की तरंग प्रवाहित हो रही है।
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति....
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